नर सेवा, नारायण सेवा को साकार करता उदयपुर का नारायण सेवा संस्थान

नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर सेवा का वो मंदिर है जहां नर को नारायण समझकर सभी प्रकार की सेवाएं निःशुल्क की जाती है। चारों हाथ पांव से पशुवत घिसटकर आने वाले 80 से 90 दिव्यांग बंधु-बहिनों के निःशुल्क ऑपरेशन कर उन्हें अपने पावों पर चलाने लायक बनाया जाता है।

शारीरिक असमर्थता दूर होने के बाद उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए उन्हें कम्प्यूटर, सिलाई, मोबाईल रिपेयरिंग, मेहंदी प्रशिक्षण जैसे व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें विभिन्न प्रकार की कम्पनियों में रोजगार दिलवाया जाता है। अभी तक संस्थान 2900 से अधिक दिव्यांगों को स्वरोजगार प्रशिक्षण दे चुका है। हर दिव्यांग का सपना होता है कि मेरा भी गृहस्थ जीवन बसे, इसे साकार करने के लिए संस्थान वर्ष में दो बार निःशुल्क दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह आयोजित कर उन्हे समाज की मुख्यधारा से जोड़ रहा है। पिछले 37 सामूहिक विवाह में 2151 जोड़ो की गृहस्थी बसाई गई है।

संस्थान में मूक बधिर, विमन्दित, निराश्रित तथा प्रज्ञाचक्षु बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा, भोजन एवं आवास की निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है। करीब 12 सौ बच्चें अभी तक लाभान्वित हो चुके है तथा 250 बच्चे अध्ययनरत है। इन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने और उनका स्वर्णिम भविष्य बनाने के लिए अभिरूचि के अनुसार विभिन्न हस्तकलाओं का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

संस्थान आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में गरीब, आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग के बच्चों को निःशुल्क डिजीटल शिक्षा देने हेतु नारयण चिल्ड्रन एकेडमी’ 5 वर्ष से संचालित कर रहा है। जिसमें 350 बच्चे शिक्षित हो रहे है।

संस्थान द्वारा विधवा, गरीब एवं असहाय महिलाओं और बेसहारा वृद्धजनों को मासिक राशन, गरीब बच्चों को स्कूल फीस, दूर-दराज के गांवों व झौपड़ो में प्रतिदिन जाकर भोजन, शिक्षा, चिकित्सा की व्यवस्था की जा रही है। समय-समय पर उन्हें कम्बल, वस्त्र एवं दवाईयां भी दी जा रही है। 2 लाख कम्बल, 1 लाख 71 हजार स्कुली ड्रेसे, 1 लाख 55 हजार स्वेटर, 2.50 करोड़ से अधिक वस्त्र, 16 हजार टन अनाज, 3 करोड़ 92 लाख भोजन पैकेट निःशुल्क वितरण किया जा चुका है।

संस्थान द्वारा निर्धनों के लिए नारायण कुटीर योजना के तहत निःशुल्क आवास बनाये जाते है और नारायण रोटी योजना के अन्तर्गत गांव-शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रोज 1000 व्यक्तियों में निःशुल्क भोजन वितरण किया जाता हैं। संस्थान में प्रतिदिन 5000 लोग चाय, नाश्ता एवं सुबह-शाम का भोजन ग्रहण करते है। प्रतिदिन 100 से ज्यादा लोगों को कैलीपर्स, व्हीलचेयर, वैशाखी, श्रवण यंत्र देने के साथ 40 से 50 अत्याधुनिक कृत्रिम हाथ-पैर दिव्यांगों को लगाए जाते है।

संस्थान ने सम्पूर्ण भारत के विभिन्न शहरों में  निःशुल्क फिजियोथैरेपी सेन्टर एवं आर्टीफिशियल लिम्ब केन्द्र स्थापित कर हजारों दिव्यांग एवं जरूरतमंद जनों को लाभान्वित कर रहा है।

संस्थान को दिए गए दान पर भारत सरकार द्वारा धारा 80जी के अन्तर्गत 50 प्रतिशत छूट मिलती है।

नारायण सेवा संस्थान द्वारा आर्थिक रूप से असक्षम लोगों को गंभीर बीमारीयों जैसे कैंसर, हृदय रोग, हाथी पांव, यूरिनरी ब्लेडर डमेज की चिकित्सा भारत के विभिन्न सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पीटल में करवाई जाती है।

संस्थान मानवता की सेवा के लिए तत्पर रहते हुए प्राकृतिक आपदा, बाढ़, तूफान, भूकम्प और वैश्विक महामारी कोरोना में फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में सेवाएं दी।

उत्कृष्ट सेवाओं के लिए संस्थान के मैनेजिंग ट्रस्टी कैलाश मानवको भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अलंकरण से नवाजा गया है। और तो और संस्थान एवं संस्थापक अग्रवाल जी का नाम लिम्बा बुक ऑफ रिकोर्डस् में शामिल किया गया है।

भारत सरकार के सफल प्रयासों से अब पोलियो भारत में नहीं पनप रहा है पर पल्स पोलियो अभियान से पूर्व पोलियोग्रस्त दिव्यांग हुए 70 लाख लोग आज भी दिव्यांगता का दर्द झेल रहे है। इन्हें दिव्यांगता से मुक्त कराने में बनें सहयोगी। इन्हें दया की नहीं अपितु आपके सहयोग व सम्बल की आवश्यकता है।

-भगवान प्रसाद गौड़

मीडिया एवं जनसंपर्क अधिकारी  | 9829561926

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