चेहरों पर स्मित लाने के मिशन पर उदयपुर की डॉ स्मिता सिंह
उदयपुर । दांतों संबंधित विकार हो जाए तो लोग मुस्कुराना छोड़ देते हैं, उन्हेें डर रहता है कि मुस्कुराने पर उनके दांत देखकर सामने वाला उनका मजाक बना सकता है। यह आंतरिक भय उनकी मुस्कान ही छीन लेता है। ऐसे हजारों लोगों को उदयपुर की डेंटल सर्जन डॉ स्मिता सिंह मुस्कान लौटा चुकी हैं।
सबसे बड़े निःशुल्क कैम्प का विश्व रिकार्डः
कला और साहित्य से जुड़े होने के कारण डॉ स्मिता का ह्ृदय भावों से भरा हुआ है। व्यावसायिकता से परे हट कर वे निरंतर समाजसेवा के कार्यों में भी जुटी रहती हैं। इसी कड़ी में उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर विशेष योग्यजन के लिए स्पेशल कैम्प भी लगाया। इसमें 400 से अधिक विशेष योग्यजन को निःशुल्क दंत चिकित्सा उपलब्ध कराई गई। यह कैम्प इंटरनेशनल बुकस् ऑफ रिकार्डस् में विशेष योग्यजन के लिए आयोजित सबसे बड़े कैम्प के रूप में दर्ज हुआ। इसके अलावा उन्होंने कई निःशुल्क दंत जांच और जागरूकता शिविर आयोजित किए हैं। वह उदयपुर और उसके आसपास फ्लोरोसिस रोगियों के लिए मौखिक पुनर्वास के उपचार के लिए भी काम कर रही हैं। उन्होंने कई लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए सफलतापूर्वक परामर्श दिया है जिसके लिये राजस्थान सरकार द्वारा सम्मानित भी किया गया है।
कई देशों में बतौर मुख्य वक्ता पहुंची हैं डाॅ. स्मिता:
स्मिता की कई विशेष उपलब्धियों में से एक यह है कि उन्हें स्विट्जरलैंड के डेंटस्पलाई डेट्रे द्वारा रिस्टोरेटिव और एस्थेटिक डेंटिस्ट्री के लिए और डेंटस्पलाई मैलेफ़र द्वारा एंडोडॉन्टिक्स के लिए एक प्रशिक्षक, वक्ता और परामर्शदाता के रूप में प्रमाणित किया गया है। मनी मेडिकल जर्मनी और इंडिया की वह की ओपिनियन लीडर हैं।भारत में दंत चिकित्सा में हालिया रुझानों पर चर्चा करने के लिए उन्हें चिंदाओ , चाईना में आयोजित एशियाई एंडोडॉन्टिक फोरम में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्हें कोह समुई थाईलैंड ,पोखरा नेपाल, हनोई और दनांग, वियतनाम में दन्त सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में भी आमंत्रित किया गया है। स्मिता ने पूरे देश में विभिन्न डेंटल कॉलेज द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित किया है। उनके नाम कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध प्रकाशन हैं। स्मिता को उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए राजस्थान सरकार जैसे विभिन्न संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया है। उन्हें भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत से कला सम्मान पुरस्कार भी मिला। स्मिता को टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ-साथ कई शाखाओं और इंडियन डेंटल एसोसिएशन द्वारा भी सम्मानित किया गया है।
स्तंभ लेखन और काव्य रचना में भी रूचि
कविता के प्रति स्मिता का प्रेम बचपन में ही झलक गया था। उनके माता-पिता ने उनका पूरा समर्थन किया और उन्हें कवि सम्मेलनों में ले गए जहां उनके काव्य पाठ को काफी सराहा गया। स्मिता एक अच्छी स्तंभ लेखक भी हैं। राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक के लिए उन्होंने महिलाओं और बच्चों से संबंधित मुद्दों पर विशेष ध्यान देने के साथ विभिन्न विषयों को कवर करते हुए छह साल तक एक नियमित कॉलम लिखा। उनके लेख पाठकों को बहुत पसंद आते थे। स्मिता ने हिंदी और उर्दू पोएट्री की विरासत को अपनी ओर से योगदान देने के लिए अपना यूट्यूब चैनल हिन्दी उर्दू प्रेमी बनाया है। अपने पति डॉ. सौरव सिंह के साथ वह उदयपुर डेंटल क्लिनिक, सेवाश्रम और भुवाना में अत्याधुनिक मैटेरियल्स ,प्रौद्योगिकी ,उपकरणों और नवीन तकनीक द्वारा दाँत की समस्त परेशानियों का सुगमतापूर्वक निदान करती हैं।
~ डॉ. कमलेश शर्मा, उदयपुर, सँयुक्त निदेशक, DIPR
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