देशभर में रंग बिखेर रहा मेवाड़ की आदिवासी नारीशक्ति द्वारा बनाया हर्बल गुलाल
झाड़ोल, कोटड़ा व फलासिया में आदिवासी महिला समूह बना रहे हैं हजारों किलो हर्बल गुलाल.
‘मिशन कोटड़ा’ से निखरे हुनर के रंगों से मनेगी होली.वैसे तो मेवाड़- वागड़ के आदिवासी अंचल में होली की धूम और मस्ती का अपना अलग ही रंग होता है. लेकिन इस बार एक नवाचार के चलते एक नई मिसाल कायम हुई है। आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाई गई ऑर्गेनिक हर्बल गुलाल न सिर्फ़ उनका आर्थिक सम्बल बन रही है, बल्कि देशभर में इस अंचल का अपने अलग ही रंग की अपनी छाप छोड़ रही है.
राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में सुशासन के लिए नवाचार श्रृंखला में चलाए गए ‘मिशन कोटड़ा’ की सफलता के रंग अब धीरे-धीरे देश-प्रदेश में भी दिखाई देने लगे हैं। इसका ताजा उदाहरण है जिला प्रशासन के मिशन कोटड़ा में निखरे हुनर के रंगों से इस बार देश-प्रदेश में मनाई जा रही होली। राजीविका के तहत उदयपुर की आदिवासी महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार की गई हर्बल गुलाल की अब देश-प्रदेश में डिमांड की जा रही है। आदिवासी महिलाओं को मिल रही इस सफलता से राजीविका और जिला प्रशासन भी उत्साहित है। होली पर आ रही मांग को देखते हुए झाड़ोल, कोटड़ा, फलासिया की महिला स्वयं सहायता समूहों की सैकड़ों महिलाओं द्वारा यह हर्बल गुलाल लगातार तैयार कर बाजार में उपलब्ध कराई जा रही है।
रंग लाई कमिश्नर-कलक्टर की पहल:
संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट एवं जिला कलक्टर ताराचंद मीणा द्वारा मिशन कोटड़ा के तहत अपनी पहली कोटड़ा विजिट में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की जाने वाली हर्बल गुलाल की जानकारी पर इसे प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया था और गत वर्ष भी हजारों किलो हर्बल गुलाल की बिक्री की गई थी। इस बार भी संभागीय आयुक्त भट्ट व कलक्टर मीणा ने हर्बल गुलाल को प्रोत्साहित करने के लिए इसकी बिक्री के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं की हैं। कमिश्नर-कलक्टर ने कहा है कि इस प्रयास से आदिवासी महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे और महिलाएं आत्मनिर्भर बनेगी। उन्होंने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे इन जनजाति महिलाओं को प्रोत्साहित करने हेतु हर्बल गुलाल का उपयोग करें एवं अन्य कार्मिकों व साथियों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
उदयपुर की आदिवासी महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाई गई हर्बल गुलाल न सिर्फ आमजनों अपितु आईएएस अधिकारियों को भी बड़ी पसंद आ रही है। राजीविका के जिला परियोजना प्रबंधक अनिल पहाड़िया ने बताया कि सिविल सर्विस के अधिकारियों के प्रशिक्षण के प्रमुख संस्थान लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में प्रशिक्षणरत आईएएस अधिकारियों द्वारा भी हर्बल गुलाल के लिए ऑर्डर दिया गया था, जिन्हें गत दिनों 75 किलो हर्बल गुलाल भेजा गया है। इसी प्रकार से जयपुर सचिवालय के अधिकारियों के लिए 75 किलोग्राम तो राजीविका और पंचायती राज विभाग, जयपुर को 85 किलोग्राम हर्बल गुलाल भेजा गया है।
डीपीएम पहाडि़या ने
बताया कि उदयपुर शहर में यह हर्बल गुलाल राजीविका कार्यालय, सहेलियों की बाड़ी, फतेहसागर,
सूरजपोल, लोककला मण्डल, जिला
परिषद परिसर, सेलिब्रेशन मॉल व कॉपरेटिव के सभी आउटलेट्स पर
उपलब्ध है।
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आलेख एवँ
तस्वीरें: डॉ. कमलेश शर्मा, उप निदेशक,
DIPR उदयपुर
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