हर गुट का अपना इक्का, लेकिन अफसरों का ही चले सिक्का !

डूंगरपुर। आजादी के बाद से पिछलें लोकसभा, विधानसभा एवं पंचायती राज में कांग्रेस की जो दुर्दशा अभी हुई वह पहले कभी नही हुई जिसका मुख्य कारण कांग्रेस में तथाकथित सिरमौर बनने के फेर में वागड़ के इस जिलें से कांग्रेस की लगभग विदाई सी कर दी है.



डूंगरपुर ज़िले से कांग्रेस का इकलौता विधायक चुना गया लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के चलते जिला प्रशासन के आलाधिकारी बेपरवाह हो गये ओर पंचायती राज सें लगाकर हर विभाग में जनहित की आने वाली योजनाओं को कागजों में चलाकर भ्रष्टाचार के नयें आयाम स्थापित कर दिये हैं.  जिसका खामियाजा जिलें की जनता को भुगतना पड रहा हैं, क्योकि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोंत जिन्हें वागड से विशेष लगाव हैं ओर वह इस क्षैत्र के विकास के लिए हर योजना को सहजता से मंजूरी देते हैं लेकिन तीन हिस्सों में बंटे ज़िला कांग्रेस के नेता केवल अपने हितों को साधने मे लगे रहतें है और आम जनता के कार्यो की लगातार उपेक्षा होती रहती हैं।

जहां राज्य सरकार ने प्रशासन शहरो व गांवों की ओर के शिविर स्थापित कर एक छत के नीचे गरीब जनता को राहत पहुचाने की सोची लेकिन राजस्व तथा अन्य विभागों से जुडें अधिकारी व कार्मिकों की अपने हितो पर कुठाराघात होना मंजूर नही था जिसके कारण ही एक सप्ताह पुर्व ही सुरपुर ग्राम पंचायत में हंगामा सामने आया और जनता के हित के लिए विधायक गणेश घोघरा जब आगें आयें तो प्रशासनिक अमलें को अपनी किरकीरी होती सहन नही हुई ओर मामला इस कदर तुल पकड गया कि
, विधायक सहित दर्जनो लोगो के खिलाफ मध्य रात्री को प्रकरण दर्ज करा दिया।

इस पुरे मामलें में जहां पिछले तीन सालों से जनता के अभाव अभियोगो के मामले में निष्क्रिय पडी भाजपा भी सक्रिय हो गयी ओर जनता के दुख दर्दों को भुलकर प्रशासनिक अधिकारीयों की पैरवी करने लग गई यही नही कांग्रेस का एक गुट जो उपेक्षा का शिकार था उसने भी विधायक के खिलाफ मोंर्चा खोल दिया इधर विधायक ने पद से इस्तीफा देने के साथ साथ निवर्तमान जिलाध्यक्ष पर जिलें की कांग्रेस को कमजोंर करनें का मुख्य कारण बता दिया तों कार्यकर्ताओं समेंत वरिष्ठ नेताओं में भी खलबली मच गई यहा तक की पूरा मामला प्रदेश स्तर तक पहुच गया और यह भी आरोप लगने लगे की वागड़ क्षैत्र के कुछ मंत्री भी डूंगरपुर में कांग्रेस को हांसिये पर लानें में महत्ती भुमिका निभा रहें है ताकि संभाग स्तर पर उनका वजुद बढ सके।

जिलें की जनता के कार्यो से तों सत्तारूढ दल के नेता जों कि मुख्यमंत्री के खास बने हुए है कोई सरोकार नही रखते उल्टें हाल ही में राज्य सरकार द्वारा बजरी परिवहन पर जों छुट मिली थी ओर उससे जुडें कई व्यवसायी को राहत मिली थी उसमें भी कांग्रेस का सिरमोर नेता पुलिस के जरिये इस पर रोक लगवा चुका हैं जिसे लेकर सोमवार को बजरी व्यवसाय से जुडें व्यवसायी  प्रदर्शन कर सकते हैं तथा राहत न मिलनें कि स्थिती में अपने वाहनों को कलेक्ट्रेट पर ही छोड देने का मन बना चुके हैं ऐसे में डेढ वर्ष बाद होने वाले राज्य के चुनावों में इस जिलें से कांग्रेस का तपर्ण होना तय हैं।
 

- सुधीर जैन | डूंगरपुर । वरिष्ठ पत्रकार

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