6 टिप्पणियां
- Unknown ने कहा…
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राणा प्रताप ने राणा पुंजा भील की शरण/सहायता ली थी। और प्रताप ने जो संघर्ष किया वह भीलो की देन है। इसलिए नाम तो भील प्रदेश ही रहेगा। शरण देने वाला बड़ा होता है या लेने वाला। आर्थिक सहायता की बात करे तब भी भामाशाह से कही ज्यादा धन संपदा प्रथा भील ने सौपी थी। इस क्षेत्र का नाम तो भील प्रदेश ही रहेगा। और ये हमारी बहुत पुरानी मांग है। नया बखेड़ा खड़ा करने की जरूरत नही है।
- 11:21 am
- Unknown ने कहा…
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Adivasi ariya me sirf bhil pradesh
- 12:19 pm
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नाम चाहे भील प्रदेश हो या पूंजा प्रदेश या प्रताप प्रदेश, कोई फर्क नहीं पड़ता. सबसे पहले तो हमारे इलाके साथ हुए अन्याय को रोकने की बात है.
दूसरी बात सिर्फ़ डुंगरपुर बांसवाड़ा के आधार पर अलग प्रदेश नहीं बन सकता, उस में राजस्थान के 3 से 4 अन्य जिले जैसे उदयपुर, प्रतापगढ, राजसमंद, चित्तौड़, भीलवाड़ा आदि शामिल करने होंगे. तो ही अलग राज्य बन सकता है. इसलिए प्रताप प्रदेश नाम एक व्यापक रूप से स्वीकार्य नाम होगा.
तीसरी बात, जो नया राज्य बनेगा उस में सिर्फ राजस्थान को ही तोड़कर बना सकते हैं. क्योँकि इस में कानूनन गुजरात या मध्य प्रदेश अपने इलाके नहीं देंगे.
अलग प्रदेश बनने से सबसे बड़ा फायदा हम आदिवासी भाइयो को होगा. क्योंकि हमारा हक़ जयपुर, सवाई माधोपुर, आदि के सम्पन्न मीणा लोग मार लेते हैं. वह रुक जाएगा. साथ ही हम अपने बजट का सही उपयोग कर पाएंगे. इस से आदिवासी मुख्यमंत्री बनने का मार्ग भी प्रशस्त होगा.
आपका: जगदीश रोत - 2:38 am
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मैं एक गैर आदिवासी 30 वर्षीय ग्रामीण हु और भील प्रदेश की मांग को समर्थन करता हू , मैं यह भी अच्छी तरह से जानता हू कि आने वाले समय मे भील प्रदेश भी बनेगा और हमारा नसीब रहा हो हमारे जीते जी बनेगा।
यह प्रताप प्रदेश वाली बात सिर्फ आदिवासी कम्युनिटी को दबाने के लिए ही निकाली गई है जो ऐसा बिल्कुल भी नही होने देंगे।
आज एक नई समस्या खड़ी हुई है कि आसपुर और साबला ब्लॉक को सलूंबर जिले में सामिल कर लिया जो किस हद तक सही है ?
हमारी न तो बोली न ही रहन सहन उनसे मेल खाता है फिर भी ऐसा किया गया है यह सिर्फ और सिर्फ राजनीति कदम है सागवाड़ा को कुछ भी नही मिला जो जिला बनने को डिजर्व करता था फिर भी उसे इग्नोर किया गया यह कहा तक सत्य है?
चुनावी वर्ष है इसलिए यह सब बतंगड़ किया है मगर सरकार एक बात ध्यान मे रखे कि इतने सारे नए जिले और तीन नई संभाग तथा इतने सारे नए नगर निगम और नगर पालिका की जरूरतों की पूर्ति के लिए बजट कहा से लाएगी ? - 4:20 pm
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प्रदेश बनाने के लिए आत्म निर्भर होना ज़रूरी है, किसी भी राज्य का राजस्व एवं विकास उसके अन्तर्गत होने वाले उत्पादन एवं खनिज सम्पदा के आधार पर तय होता हैं! थोड़ा सोचिए अगर भील प्रदेश बने या प्रताप प्रदेश लेकिन आपके पास कोई कॉपर खदान, लोहा इस्पात खदान, मैनुफ़ैक्चरिंग के लिए उपायुक्त स्थान एवं ट्रांसपोर्टेशन के लिये साधन इत्यादि उपलब्ध हैं या अधिवासियों के नाम पर केंद्र सरकार के पैकेज पर ही निर्भर होंगे ?? सभी सोचियेगा ज़रूर
- 6:29 pm
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1000percente correct
- 7:28 pm
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