कहते हैं, जहाँ
चाह, वहाँ राह ! एक ऐसी
ही मिसाल कायम की है गलियाकोट क्षेत्र के
चितरी आदर्श उच्च माध्यमिक के प्रधानाचार्य एवम पूरी टीम के साथ गांव के भामाशाहो ने
!!
सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही हमारे मन में
अभावो से जुझते जर्जर भवन और असुविधाओ का अम्बार दिखने लगता है. लेकिन गर लोग ठान लें
तो सरकारी स्कूल को भी प्राइवेट स्कूल जैसा चमचमाता बनाया जा सकता है. और सरकारी स्कूल
के शिक्षको की काबिलियत का बेहतरीन इस्तेमाल किया जा सकता है. बशर्ते ग्रामीण प्राइवेट
स्कूलो के पीछे भागने का मोह छोड़ कर अपने गांव-शहर के सरकारी स्कूल पर ध्यान दें.
सरकारी स्कूल को बनाया प्रायवेट जैसा सुविधासम्पन्न:
मात्र एक वर्ष पहले जागरुक शिक्षको ने ग्रामीणों
को समझाया कि यहाँ के बच्चो को अच्छे
प्राइवेट स्कूल के लिये कम से कम पंद्रह किलोमीटर दूर सागवाड़ा जाना पड़ता है .
तो क्यों नही इस सरकारी
स्कूल को ही निजी स्कूल की तर्ज पर विकसित किया जाय.
जब एक व्यक्ति निजी स्कूल खोलकर बेहतरीन
स्कूल चला सकता है, तो हम पूरा गांव और सरकार
है. हम सब प्राइवेट विधायलय जैसी सुविधाएं
मुहैया करवा सकते है. बात ग्रामीणों व एसएमडीसी स्टाफ के समझ में बैठ गई. इसकी शुरुआत तत्कालीन
प्रधानाचार्य और रेसला के प्रदेश संरक्षक डायालाल पाटिदार ने की. फिर भामाशाह आगे आये, और धीरे-धीरे कारवाँ बढ़ता गया, संसाधन जुड़ते गये.
विद्यालय में सम्पूर्ण परिसर सीसीटीवी
कैमरे की निगरानी में है, कक्षा कक्ष, ग्रीन बोर्ड, वाटर कूलर, इनवेटर सुविधा, कक्षा पहली से बाहरवी तक प्रत्येक
विद्यार्थी हेतु फर्नीचर सुविधा, सुसज्जित लहर एवम
एबीसी कक्ष, आधुनिक एमडीएम कक्ष, सुविधा युक्त प्रयोगशाला, ऑटोमेटिम इलेक्ट्रिक बेल, म्यूजिक सिस्टम से प्रार्थना सभा, राष्ट्रीय पर्व के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण जैसी अत्याधुनिक सुविधाएँ
हैं. ब्लॉक गलियाकोट का नॉडल विधालय होने से समस्त गतिविधियों का संचालन भी इसी
विद्यालय से होता है.
वर्तमान प्रिंसिपल लक्ष्मीकांत चौबीसा के
साथ समर्पित पूरा स्टॉफ ने भामाशाहो कि मदद और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर जिले
में श्रेष्ठ विद्यालय का दर्जा दिलाया.
परीक्षा परिणाम सभी संकायों में शतप्रतिशत
रहा है ओर नामांकन पांच से बढ़कर ग्यारह सौ हुआ यानी साठ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है.
दोनों प्रधानाचार्य के साथ
स्टॉफ पारस जैन, देवीलाल जोशी, कोदरलाल, ओमप्रकाश पाटिदार, रमेश
चंद्र पाटिदार, प्रवीण भट्ट, डॉ सुभाष पाटिदार, रमेश
चंद्र बुनकर, पीटीए अध्यक्ष देविलाल पाटिदार ने भामाशाहो से व्यक्तिगत सम्पर्क करके विद्यालय की बदहाल स्थिति बताई, जहां बारिश में छत टपकने से पूरे विद्यालय में छात्रों को छुट्टी करनी
पड़ती थी.
पूरे भवन
की छत पर चाइना मोज़ाइक कराया गया, नया प्लास्टर, रंग रोगन, लाइट फिटिंग, प्रत्येक
कक्षा में पर्याप्त पंखे एवम लाइट सुविधा, खेल मैदान में वृक्षारोपण, गार्डन, और
अभी हाल ही में 26 जनवरी को भामाशाहो ने आठ लाख की घोषणा करते हुए विशाल डॉम
पांडाल का कार्य आरंभ कर दिया है . मणिलाल पंचाल,
मनोज सामरिया, गोपाल माली, गौतमलाल भाटिया, अम्बालाल जोशी जैसे भामाशाहो कि लिस्ट तो लम्बी है मगर शुरुआत इन्होंने की है.
प्रेरक व्यख्याता यशवंत कुमार गर्ग के
सहयोग से पिछले दिनों डुंगरपुर की समर्थ सेवा संस्थान एनजीओ ने सभी ग्यारह सौ
विद्यार्थियों को जूते वितरित किये.
विद्यालय को माध्यमिक बोर्ड अजमेर
द्वारा 5-स्टार प्रमाणपत्र से सम्मनित किया है.
यूनिसेफ नई दिल्ली द्वारा विद्यालय का निरीक्षण करके पश्चात श्रेष्ठता प्रणाणपत्र
दिया गया है. एसआईक्यूई अंतर्गत जिले का सर्टिफिकेशन भी प्राप्त है .
श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम के साथ ही छात्रो ने
तैंतीस लेपटॉप, अठारह स्कूटी, पद्मश्री पुरस्कार, चौबीस गार्गी पुरस्कार
हासिल किए है .
खेलो में राज्य स्तर पर अपना दबदबा बनाया
है- बैटमिंटन में जिले में सभी वर्गों में विजेता रही है .
परीक्षा परिणाम अध्ययन हेतु समय समय पर
अभिभावक बैठके, विद्यार्थी संपर्क किया जाता है. गुरु
गोलवलकर योजना के अंतर्गत पंद्रह लाख के कक्षा कक्ष स्वीकृत हुए हैं. सभी छात्र छात्राओं हेतु स्वेटर वितरण किया गया है.
गुणवत्ता युक्त एमडीएम.
आधुनिक सुविधा युक्त तीनो विज्ञान विषयों की प्रयोगशाला कक्ष.
कमजोर छात्रों हेतु अतिरिक्त कक्षा शिक्षण, रात्रिकालीन
संपर्क, आठवी, दसवीं, बाहरवी के छात्र छात्राओं के टाइमटेबल इन होम चार्ट निर्माण व केरियर
मार्गदर्शन क्लासेस. इस बेहतरीन शैक्षिक वातावरण से स्कूल का परीक्षा परिणाम भी शत प्रतिशत
रहा है. नामांकन में भी साठ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है.
फिलहाल क्षेत्र में विधालय का सर्वागीण विकास चर्चा का विषय है. और इसने अन्य सरकारी स्कूलो के लिए भी मिसाल कायम की है.
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