दीपोत्सव 2020 महत्ता एवँ सटीक मुहुर्त !!

भारत वर्ष में मनाये जाने वाले त्योहारों में दीपावली का बड़ा महत्व है ।

दीपावली पाँच त्यौहार के समूह रूप में मनाई जाती है । १.धनतेरस व धन्वंतरि जन्मोत्सव, २.रूपचौदस, ३. दीपावली, ४.नववर्ष या गोवर्द्धन पूजा और ५.भाई दूज।

पं.राजेंद्र कुमार पंचाल कृत शुभवेला पंचांग
पं.राजेंद्र कुमार पंचाल कृत शुभवेला पंचांग

आइये जानते है, इस वर्ष कौनसा त्यौहार कब मनाना है -

धन तेरस - 13/11/2020

यह शुभ दिवस है, चाँदी के बर्तन खरीदना । और महालक्ष्मी की पूजा भी इस दिवस पर की जाती है । इस दिन दीपदान का बड़ा बड़ा महत्व है । वैसे दीपदान तो पाँचो दिवस होता है पर आज यमराज से प्रार्थना की जाती है कि हमें अकाल मृत्यु से बचावें। साथ ही समुन्द्र मंथन से भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य हुआ था। आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि का श्रद्धा पूर्वक पूजन भी किया जाता है ।

स्कंद पुराण के वैष्णवखण्ड में बताया गया है की त्रयोदशी तीन मुहुर्त से अधिक हो तो वही ग्राह्य करें । इसलिए इस वर्ष शुक्रवार को सूर्योदय में भी १३ है, साथ ही प्रदोषव्यापिनी भी है और कल तीन मुहुर्त से अधिक भी है इसलिए शुक्रवार को 13/11/2020 को धन त्रयोदशी मनाना शास्त्र सम्मत है ।

रूप चौदस - 

14/11/2020 को दोपहर 14:20 तक है, उसके पश्चात अमावस्या प्रारम्भ होती है । इसलिए 14/11/2020 शनिवार को ही दीपावली उत्सव मनाया जायेगा।

ब्रह्मपुराण में लिखा है कि कार्तिक अमावस्या के दिन लक्ष्मीजी रात्रि को सद्गगृहस्थों के घर में विचरण कर आशीर्वाद देती है इसलिए हम घर आंगन को साफ- शुद्ध कर सजावट कर दीपदान करते है जिससे लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है।

दीपावली उत्सव का वर्णन स्कन्दमहापुराण के वैष्णवखण्ड़ में कार्तिक मास माहात्म्य के अनुसार कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी को यदि अमावास्या भी हो और उसमें स्वाती नक्षत्र का योग हो तो उसी दिन दीपावली होती है । उस दिन से आरम्भ करके तीन दिनों तक दीपोत्सव करना चाहिये । इसके अनुसार 14 /11 /2020 शनिवार को चतुर्दशी युक्त अमावास्या है इसके साथ स्वाती नक्षत्र का योग होने से दीपावली शनिवार को पंचागों में निर्देशित की गयी है।

नव वर्ष (नवसंवत्सर) - 16/11/2020

नववर्ष 16/11/20 को मनाना ही शास्त्र सम्मत है ।

15 को करना निषिद्ध है क्योंकि प्रातः में अमावस्या है। अतः उस दिन प्रातः दीपदर्शन (मेरिया ) निकालना ठीक नही है। क्योंकि नववर्ष का महत्व सूर्योदय से है जो 15 तारीख रविवार को सम्भव नही है, उस दिन 10:40 तक अमावस्या है। इसलिए आम भाषा में एक दिन पड़त (रिक्त) रख कर ही नववर्ष (16 तारीख) अगले दिन सोमवार को मनाना श्रेष्ठ रहेगा।

भाई दूज जिसको यमद्वितीया कहा जाता है। इसके सन्दर्भ में भी स्कन्दमहापुराण में स्पष्ट लिखा है कि भाई के भोजन में वही द्वितीया ग्राह्य हैजो दोपहर के बाद तक मौजूद रहे। इस कारण से पंचाग मे सोमवार 16 /11 /2020 को भाई दूज का निर्देशन दिया है।

लाभ पंचमी - 19/11/2020 गुरुवार को होगी।

इस पाँच दिनों में देहली पूजन, दवात, लेखनी व बहीखाता, सरस्वती, कुबेर, गणेशजी, लक्ष्मी जी, गौमाता, भगवान धन्वंतरि का विधी पूर्वक पूजन किया जाता है। इस दिन नए वस्त्र पहनकर हम खुशियाँ मनाते है और एक दूसरे को गले मिलकर बधाई देते है । परंतु अबकी बार कोरोना का ध्यान रखते हुए इस पर्व को मनाना उचित होगा।

पं.राजेंद्र कुमार पंचाल कृत शुभवेला पंचांग
पं.राजेंद्र कुमार पंचाल कृत शुभवेला पंचांग
इस पावन पर्व पर समय व मुहुर्त का बड़ा महत्व है जिसका शास्त्र सम्मत उपयोग कर हम लाभ प्राप्त कर सकते है।

- पं. राजेंद्र कुमार पंचाल सामलिया, सम्पादक, श्री शुभवेला पञ्चाङ्ग

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