वागड़-मेवाड़ के प्रमुख संत सुरमालदास की जीवनी पर नई रौशनी

केन्द्रीय दूरसंचार विभाग के सेवानिवृत्त सहायक महानिदेशक एलपी कोटेड ने लिखी पुस्तक


संतो की धरा वागड़ में एक महत्वपूर्ण संत हुए हैं संत सुरमाल दास महाराज. वागड़-मेवाड़ अंचल में सनातन भील तपस्वी संत सुरमालदास न  सिर्फ  संत बल्कि एक स्वतंत्रता सेनानी  भी थे. उन्होने अंग्रेजो की बहुत प्रताड़नाएँ झेली लेकिन नहीं झुके ! इस भूले बिसरे संत पर पहली बार एक पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। इस पुस्तक का लेखन केन्द्रीय दूरसंचार विभाग के सेवानिवृत्त सहायक महानिदेशक एल.पी. कोटेड द्वारा किया गया है।


कोटेड ने बताया कि आदिवासी भील धर्म गुरु महान तपस्वी योगेश्वर संत सुरमालदासजी की जीवनी पर करीब 250 वर्ष पुराने इतिहास से जुड़ी पुस्तक पुष्पार्पणका प्रकाशन सतीरामपुर के आदिवासी भील गुरु संत श्री सती सुरमालदासजी सेवा संस्थान के माध्यम से प्रकाशित की गई है और इसका विमोचन गत दिनों मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के हाथों किया गया था। पुस्तक में धर्मगुरु के संबंध में स्थानीय जनता की मान्यताओं, परंपराओं एवं उनकी विचार भावनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई है। कोटेड ने बताया कि पुस्तक को संस्थान के सतीरामपुर कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। पढने  लिखने के इच्छुक भाई पुस्तक उपलब्धता के लिए कोटेड साहब के मोबाईल नंबर 7073114876 तथा 7703895577 पर संपर्क कर सकते हैं.

------------
एलपी कोटेड,
सेवानिवृत्त सहायक महानिदेशक, केन्द्रीय दूरसंचार विभाग, नई दिल्ली
हाल मुकाम - सतीरामपुर, जिला डूंगरपुर

मोबाईल नंबर 7073114876 तथा 7703895577 

कोई टिप्पणी नहीं