संघर्ष से सुरो का सफर तय करता वागड़ का उभरता गायक- रक्षक भट्ट
वागड़ की धरा कलाकारो की भी खान है. डांस से लेकर थियेटर और म्युजिक में वागड़ के कलाकारो ने धूम
मचाई है. वागड़ मूल के कई कलाकार वागड़ से बाहर जा कर अपनी पहचान बना चुके हैं. नई
पीढ़ी के युवा भी इस में पीछे नहीं हैं.
इसी सिलसिले में संगीत जगत का नया सितारा है रक्षक भट्ट.
सागवाड़ा तहसील के सामलिया गांव के एक मध्यम वर्गीय परिवार से
निकले युवा रक्षक भट्ट मुम्बई जैसी सिटी में बिना किसी पहचान के, अपने
ही दम पर सैकड़ो कार्यक्रम व संगीत प्रोग्राम दे चुके हैं,
लेकिन रक्षक को वागड़ में कम लोग ही जानते है ।
अपनी आवाज के दम पर रक्षक ने अमेज़न प्राइम आयोजित लार्जेस्ट
इंडियन सिनेमेटिक बेंड में 1000 व्यक्तियों के साथ हिस्सा लिया है । साल
2017 से मुम्बई के बहुत सारे रियलिटी शो व प्रोग्राम में लगातार धूम मचाने वाले
रक्षक भट्ट बहुत सामान्य परिवार से हैं.
उनके पिता सत्यनारायण भट्ट मुम्बई के उपनगर उल्लास नगर में चाय-काफ़ी व
इलायची बेचते है ।
हुआ यूँ कि रक्षक भट्ट ने एक बार संत रुद्रेन्द शेखर जी
महाराज के लिए एक कथा में भजन गाया था, तब महाराज ने खुश होकर उनको
गुरु पूर्णिमा पर उनके आश्रम के पूरे भजन -संगीत कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया.
रक्षक ने इसे सहर्ष स्वीकार करके करके प्रोग्राम किया. तब से और वाह वाही बटोरी. यहां
के लोग भी पहचानने लगें ।
बचपन से ही मुंबई में पले बढ़े रक्षक को काफी संघर्ष करना पड़ा
है । अपनी पढ़ाई बीकॉम तक पूरी करने के बाद आपने संगीत के क्षेत्र को चुना, संगीत
में रुचि व टेलेंट के दम पर रक्षक ने अपने घर वालों की भी बात न मानते हुए लगातार
अपने अभ्यास को गायकी के क्षेत्र में जारी रखा ।
हाल ही में गुजरात न्यूज लाइन
(कनाडा) द्वारा "तेरा फितूर" ऑनलाइन संगीत प्रोग्राम 27 जून को रक्षक भट्ट द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है । जिसे गुजरात के जाने
माने न्यूज एडिटर ललित सोनी ऑर्गेनाइज कर रहे है । आशा है वागड़ के इस उभरते कलाकार
के गीत निकट भविष्य में बॉलीवुड की फिल्मों में भी मिलें, वह
दिन वागड़ के लिए गौरवमय होंगे ।
संस्कृतिकर्मी और ‘शुभ वेला’ पंचांग के सम्पादक
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