आम के गुच्छा-मुच्छा रोग का ‘खास’ इलाज़ !


आम के लिए ऐसे करें ख़ास देखभाल, और फसल पाएँ मालामाल !

वागड़ की धरती पर फलो के राजा आम की
ख़ास मेहरबानी रही है. देशभर में वागड़ के आम की भी अपनी अलग पहचान और डिमांड है. वागड़ के आम बहुत रसीले और स्वादिष्ट होते हैं,  इनको  चूसकर खाने का अलग  ही आनंद है.  

गुच्छा-मुच्छा रोगग्रस्त आम 

वागड़ 
में आम की करीब डेढ़ दर्जन वैरायटी हैं. आम की खेती में बस थोड़ा-सा ध्यान दिया जाए तो आपके लिए भी आम के आम और गुठलियो के दाम वाली बात सच साबित होगी और मेहनत रंग लाएगी !
गुच्छा-मुच्छा रोग का उपचार 
बीमारी:
आम की खेती में एक आम समस्या है मेंगो मालफार्मेशन (Mango Malformation) जिसे हम गुच्छा-मुच्छा रोग भी कहते हैं. आप ऊपर जो फोटो में देख रहे हो इसे आमतौर पर आपने आम के बगीचों में या सामान्यत: आम के पेड़ों पर देखा होगा जिसके कारण पिछले काफी समय से आम की फसल को नुकसान हुआ है। इस रोग को मेंगो मालफार्मेशन या गुच्छा-मुच्छा या पुष्पशीर्ष विकृति रोग के नाम से भी जाना जाता है । इस रोग से प्रभावित पत्तियां और पुष्पक्रम गुच्छों के रुप मे परिवर्तित हो जाते है,  जिससे पौधों की बढ़वार रुक जाती है और वह शाखा भी सूखने लगती है. जिससे उपज पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

देसी आम की बढ़िया पैदावार 

उपाय:
इसके प्रभाव को कम करने एवम रोगी भाग को नष्ट करने के लिए "अल्फा-नेफ्थेलीन अम्ल" 200ppm का छिड़काव सितंबर-अक्टूम्बर माह में करना चाहिए साथ ही रोगग्रस्त भाग को अलग कर नष्ट कर देवे या जमीन में गाड़ देवे। कृषक भाइयों से मेरा अनुरोध है कि अगर इस प्रकार की बीमारी आपके आम के पेड़ पर दिखती है तो आप इस शीघ्र आने वाले भाग को तोड़ दे, साथ ही संबंधित किसान सेवा केंद्र में या मुझ से संपर्क करें । उद्यानिकी सम्बंधी अन्य जानकारी के लिए भी आप मुझ से सम्पर्क कर सकते हैं. 

                                                - हर्षद पंडया,  कृषि पर्यवेक्षक (उद्यानिकी),  डूंगरपुर फोन: 6376127980

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