सात समंदर पार भी महकता है बांसवाड़ा-प्रतापगढ़ का आमपाक


दुनियाभर में भांति-भांति की मिठाईयां मिलती होंगी परंतु एक मिठाई ऐसी है जो बांसवाड़ा-प्रतापगढ़ में खास तौर पर तैयार की जाती है और इसकी महक आज भी न सिर्फ देशभर में अपितु सात समंदर पार भी महसूस की जा रही है। जी हां, बांसवाड़ा-प्रतापगढ़ का आमपाक देश-दुनिया में खासा लोकप्रिय है और यह लजीज मिठाई आज से नहीं अपितु बरसों से पसंद की जा रही है। 

आम से तैयार किए जाने वाला आमपाक
बांसवाड़ा के आम और इससे बनने वाले उत्पादों का जायका सात समंदर पार के लोगों को भी पसंद है, इसीलिए यहां की दुर्लभ प्रजातियों के आम और इनसे बनने वाली मिठाई को प्रतिवर्ष आम के मौसम में विशेष रूप से विदेशों में भेजा जाता है। प्रवासी भारतीय विदेशों में बसने के बाद भी अपने वतन की इस मिठाई का जायका अभी तक नहीं भूले हैं और इसका एकमात्र कारण इस मिठाई को तैयार करने वाले परंपरागत मिष्ठान्न निर्माताओं को जाता है।  

करीब 90 सालों से बन रहा है आरएमबी का आमपाक:
  
बांसवाड़ावासियों का आमपाक का शौक भी काबिले तारीफ है क्योंकि शहर में आमपाक तैयार करने वाली एक फर्म करीब 90 सालों से आज तक आमपाक तैयार करती है और यहां का आमपाक न सिर्फ जिले में अपितु समीपस्थ गुजरात और विदेशों में केनेडा, आस्ट्रेलिया, अमेरिका तथा यूरोपीयन देशों में नागर, नैमा और बोहरा समुदाय के लोगों द्वारा अपने रिश्तेदारों को भिजवाया जाता है। शहर के आजाद चौक स्थित आरएमबी फर्म की स्थापना 90 वर्ष पूर्व गेबीलाल जोशी द्वारा की थी और उनके बाद उनके सुपुत्र अनिल जोशी व योगेश जोशी द्वारा आज तक इसे संचालित किया जा रहा है। अनिल जोशी का कहना है कि उनके पिताजी द्वारा आमपाक निर्माण की कला को जीवित रखने और इससे जिलेवासियों व देश-दुनिया में रहने वाले स्थानीय लोगों तक पहुंचाने में जो संतुष्टि मिलती है वह किसी और काम में नहीं। 

मेंगो फेस्टिवल में भी मिलेगा आरएमबी का आमपाक:
इधर, बांसवाड़ा के कुशलबाग मैदान में 7 से 9 जून तक आयोजित होने वाले बांसवाड़ा मेंगो फेस्टिवलमें आरएमबी के आमपाक का भी स्टॉल लगाया जाएगा और जिलेवासियों तथा मेले में आनेवाले लोगों को इसका जायका लेने का अवसर प्राप्त होगा। जिला प्रशासन की ओर से बांसवाड़ा पर्यटन उन्नयन समिति के सचिव हेमांग जोशी ने आरएमबी संचालक से संपर्क किया है और उन्हें इसमें स्टॉल लगाने के लिए सहमत किया है।


राजस्थान का पहला मेंगो फेस्टिवल 7 जून 2019 से आयोजित होने जा रहा है.
बांसवाड़ा मेंगो फेस्टिवल की तैयारियां जारी

कुशलबाग मैदान में 21 स्टॉल्स में सजेगी फलों के राजाकी महफिल


बांसवाड़ा, 4 जून/फलों के राजा आम की बांसवाड़ा में पाई जाने वाली 46 प्रजातियों से देश-दुनिया को रूबरू करवाने के लिए राजस्थान का पहला मेंगो फेस्टिवल बांसवाड़ा के कुशलबाग मैदान में 7 से 9 जून तक आयोजित किया जा रहा है। इस फेस्टिवल के लिए जिला प्रशासन, कृषि अनुसंधान केन्द्र तथा बांसवाड़ा पर्यटन उन्नयन समिति द्वारा तैयारियां वृहद पैमाने पर की जा रही हैं। 

मेंगो फेस्टिवल के लिए बनेगा लोगो, ब्लॉग और फोल्डर:
जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि पहली बार आयोजित हो रहे मेंगो फेस्टिवल के लिए जनसंपर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा के निर्देशन में विशेष रूप से लोगो तथा फेस्टिवल के बारे में जानकारी प्रदान करने वाला फोल्डर व ब्लॉग भी तैयार किया जा रहा है। फोल्डर में बांसवाड़ा में पाए जाने वाले आम की समस्त प्रजातियों की फोटो और नामों के साथ यहां के आमों की विशिष्टता को भी समाहित किया जा रहा है वहीं ब्लॉग में फेस्टिवल संबंधित जानकारियां अपडेट की जाएंगी।

13 स्टाल्स पर आम और 8 पर उत्पादों का प्रदर्शन:
 
कलक्टर गुप्ता ने बताया कि मेंगो फेस्टिवल में लोग आम की इन प्रजातियों की जानकारी ले सकें, इन प्रजातियों को चख सकें, रसास्वादन कर सकें तथा वे भी इन प्रजातियों को उगाकर भरपूर लुत्फ उठा सकें इस दृष्टि से 13 स्टॉल्स पर आम की विविध 46 प्रजातियों की प्रदर्शनी लगेगी वहीं 8 पर आम के उत्पादों का प्रदर्शन व विक्रय किया जाएगा। फेस्टिवल का शुभारंभ 7 जून को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (स्वतंत्र प्रभार) उद्योग एवं राजकीय उपक्रम विभाग राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया के मुख्य आतिथ्य में होगा। 

इन आम प्रजातियों की लगेगी प्रदर्शनी:
 
फेस्टिवल में आम प्रजातियों की प्रदर्शनी लगाने के लिए कृषि अनुसंधान केन्द्र के संभागीय निदेशक डॉ. प्रमोद रोकड़िया के निर्देशन में तैयारियां की जा रही है। कृषि अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत जांबुलकर ने बताया कि प्रदर्शनी के तहत किशन भोग, बोम्बे ग्रीन, बोम्बई, केसर, राजस्थान केसर, फजली, मूलागो, बैगनपाली, जम्बो केसर गुजरात, स्वर्ण रेखा, बंगलौरा, नीलम, चौसा, दशहरी, मनकुर्द, वनराज, हिमसागर, जरदालु, अल्फांजो, बजरंग, राजभोग, मल्लिका, लंगड़ा, आम्रपाली, फेरनाड़ी, तोतापूरी, रामकेला आदि 28 प्रजातियों के साथ देसी आम की 18 प्रजातियों यथा टीमुरवा, आँगनवाला, देवरी के पास वाला, कसलवाला, कुआवाला, आमड़ी, काकरवाला, लाडुआ, हाडली, अनूप, कनेरिया, पीपलवाला, धोलिया, बारामासी, बनेसरा, सागवा, कालिया, मकास आदि प्रजातियों के आमों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। 

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आलेख व फोटो: कमलेश शर्मा

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