इन अनूठी परम्पराओ के कारण कुछ ख़ास है वागड़ की होली !
दक्षिणी राजस्थान का वागड़ अंचल यानी वागड़ क्षेत्र कुशलगढ़ से लेकर केसरियाजी और चौरासी से लेकर प्रतापगढ़-धरियावाद तक फैला हुआ और काफी विविधता लिए हुए है. दिवाली, जन्माष्ठमी, शिवरात्री की ही तरह होली भी यहाँ का प्रमुख त्योहार है.
यहाँ की होली इसलिए ख़ास
है कि यहाँ हर गाँव-कस्बे में होलिका दहन के अलावा बाकी सब परम्पराएँ अलग-अलग और अनूठे ढंग से निभाई जाती हैं. यहाँ
होली से लेकर रंगपंचमी तक जो विविधता नज़र आती है वैसी किसी भी त्योहार में शायद ही नज़र
आए. तो फिर आइए जानिए वागड़ में होली के क्या हैं अनूठे रंग !!
वागड़ का लोकप्रिय गैर नृत्य!
कोकापुर में होली की आग में चलकर मनाते हैं होली !
यहाँ क्लिक करके कोकापुर की अंगारा होली देखिए
ओबरी की ‘पुतला पंचमी’ का फुतरा !
यहाँ क्लिक करके ओबरी का 'फुतरा' देखिए
~ जितेंद्र जवाहर दवे
(C) आलेख, फोटो एवं वीडियो के सर्वाधिकार ब्लॉग व लेखक के पास सुरक्षित
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ओबरी की ‘पुतला पंचमी’ का फुतरा !
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~ जितेंद्र जवाहर दवे
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