मिनिएचर के महारती चित्तौड़ा ने बनाई गेंहू के दानो से सूक्ष्म होली


सिर्फ़ 351गेंहू के दानों की सूक्ष्म होली की कृति. चित्तौड़ा ने कई और भी मिनिएचर कृतियाँ बनाई हैं.
उदयपुर 19 मार्च 2019,  नगर के सूक्ष्म वस्तु शिल्प कलाकार चंद्र प्रकाश चित्तौड़ा ने इस बार होली महोत्सव पर 351 गेंहू के दानोंकी आकर्षक होली का निर्माण किया है चितौडा ने बताया कि होली में नवान्न के पूजन की मान्यता है. 

इसे बनाने में उन्हे दो दिन का समय लगा. इस अवसर पर उन्होने सूक्ष्म कलाकृति के माध्यम से आमजन को शुभकामनाएँ प्रेषित की है.

उदयपुर शहर के चित्तौड़ा वैसे तो बुक बाइंडिंग के व्यवसाय में हैं. लेकिन बचपन से ही संघर्षो से जुझते हुए उन्होने मिनिएचर कला को अपना शौक ही नहीं, जुनून बना ड़ाला है.
नतीज़ा ये हुआ कि वह अब तक ऐसी असंख्य छोटी-छोटी या कहिए अति सूक्ष्म पुस्तके और कृतियाँ बना चुके हैं. और कई रिकॉर्ड भी कायम किए हैं.  नाखून के आकार की  मोदी की प्रतिमा, सूक्ष्म हनुमान चालिसा जैसी अन्य मज़ेदार कृतियाँ भी उनके नाम है.

इससे पूर्व गणतंत्र दिवस 2019 पर उन्होने खाद्य दालों का मिश्रण करते हुए भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की सुंदर कलाकृति निर्मित की थी. इनमें मसूर की दाल से केसरिया, उड़द (सफेद दाल) की दाल से सफेद रंग एवं मूंग से हरें रंग का समावेश किया था.  साथ ही चवले की दाल से ध्वजदण्ड भी निर्मित किया है.
इस बार होली के पावन अवसर पर सूक्ष्म पुस्तिका निर्माता चंद्र प्रकाश चितौडा ने शुभकामना के साथ हार्दिक बधाई प्रेषित करते हुए माचिस की तिलियो से, लोहे के तार की होली बनाई है. 


यही नहीं, लिखने की चॉक को औजार से बारीकी से उकेरकर,  सूक्ष्म पिचकारी, भक्त प्रहलाद और उसकी बुआ की नन्ही सी प्रतिमाएँ,  चित्र के आकृति में कटीग कर जलती हुई आग में होली के आकृति में सूक्ष्म पुस्तिका भी किया है. चंद्र प्रकाश चितौडा ने भक्त प्रहलाद की कथा संग्रह, चित्र के आकृति में कटीग कर कर पिचकारी डायरी बनाकर भाई चारे, प्रेम, साथ ही रंग हरबल गुलाल का संदेश दिया भी दिया है.

बचपन कुछ अलग करने की धुन के साथ शुरु हुआ उनका ये सफ़र आज लगभग 52 साल की उम्र में भी जारी है.

जितेंद्र जवाहर दवे


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